आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा पूजा जप तप नेम अचारा, नहिं जानत हौं दास तुम्हारा । It's thought that by performing the Lord Hanuman ji Aarti, https://baglamukhi25457.diowebhost.com/87760111/a-review-of-hanuman-mantra