राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा॥ ओम् ऐं ह्रीं हनुमते रामदुते लंकविधवंसने अंजनी गर्भ सम्भुतय शकिनि डाकिनी विध्वंसनाय किलकिली बुबुकरेन विभीषण हनुमददेवय ओम ह्रीं ह्रीं हं फट् स्वाहा राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६॥ तुह्मरो मन्त्र बिभीषन माना । और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेई सर्व https://seodirectory4u.com/listings13213588/the-definitive-guide-to-hanuman-chalisa