कामाख्या मंत्र: "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे" शेरों का एक समूह देवी कामाख्या की पूजा कर रहा है। या भुज ते महिषासुर मारि और शुम्भ निशुम्भ दोऊ दल थम्बा आरत हेतु पुकारत हौं, जाइ कहां बैठी जगदम्बा खड्ग टूटो कि खप्पर फूटो कि सिंह थको तुमरो जगदम्बा आज तोहे https://battistac074oqt4.blogsumer.com/34844410/the-smart-trick-of-वश-करण-म-त-र-क-स-च-ह-ए-that-no-one-is-discussing